Category: Travel News
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नई दिल्ली। अंतरिक्ष मे जाने का सपना ( Space Tourism ) बड़े से लेकर बूढों तक का होता है। लेकिन कोई नहीं जानता कि किस तरह वहां तक पहुंचा जा सकता है और कितना खर्चा आ सकता है। लेकिन ख्वाबों की इस दुनिया का हकीकत में भी दीदार किया जा सकता है। दो कंपनियां कुछ मिनटों के छोटे "सबऑर्बिटल" हॉप्स की पेशकश कर रही हैं। जिनमें जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजिन और रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गेलेक्टिक हैं। जरूर पढ़ें: अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले सेटेलाइट को ऊर्जा कैसे मिलती है? ब्लू ओरिजिन का न्यू शेपर्ड रॉकेट तीन पैराशूट के साथ पृथ्वी पर वापस आने से पहले, चालक दल के कैप्सूल के अलग होने और कर्मन लाइन (62 मील, या 100 किलोमीटर, ऊंचाई में) को पार करने से पहले वर्टिकल रूप से उड़ान भरता है। वर्जिन गेलेक्टिक एक विशाल विमान का उपयोग करता है, जो एक क्षैतिज रनवे से उड़ान भरता है और फिर रॉकेट से चलने वाले अंतरिक्ष यान को गिराता है। यह बदले में वापस ग्लाइडिंग से पहले 50 मील से अधिक ऊंचाई तक चढ़ता है।दोनों ही मामलों में कुछ मिनट भारहीनता का अनुभव करने और अंतरिक्ष से पृथ्वी के दृश्य को देखने के लिए अधिकतम 6 यात्री अपनी सीट
Subject to certain conditions, some foreign countries are now opening to Indian travelers; however, those arriving from India will either have to provide a negative RT-PCR report or will be required to undergo quarantine there.
देश में लगातार बढ़ती कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखकर अब लोग मानसिक रूप से इतने परेशान हो चुके है कि इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए कुछ समय शांति के वातावरण में रहना पसंद कर रहे है।
देश में तेजी से फैल रही कोरोनामहामारी के चलते लोग कई महिनों तक घर पर रहने को मजबूर रहे। ऐसे में हर कोई मानसिक और शारीरिक रूप से इतना परेशानी हो चुका है कि अब इस महामारी की जंग जीत लेने के बाद लोग मन के बदलना चाहते है। ऐसे में लोग उन जगहों पर घूमना पसंद करते है। जो शांत होने के साथ काफी खूबसूरत हो, साथ ही बजट भी कम हो। यदि आप भी ऐसी ही जगह पर घूमने का प्लान बना रहे है तो हम आपको बता रहें है कुछ ऐसी जगहों के बारे में जो न केवल आपके दिल को जीत लेंगे, बल्कि आपके खर्च को भी कम करने में मदद करेंगे।
According to a report by the Global Wellness Institute, wellness tourism is slated to grow at an average annual rate of 7.5 per cent by 2022.
AdmiN Jan 23, 2021
सैन फ्रांसिस्को अपने लज़ीज खाने, गोल्डन गेट ब्रिज, पियर 39 और बहुत सारे प्रसिद्ध आकर्षणों के लिए जाना जाता है। यदि आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आप अपनी इस यात्रा का पूरा-पूरा आनंद उठाएं, तो सैन फ्रांसिस्को के चाइनाटाउन में ज़रूर जाएं। सैन फ्रांसिस्को का चाइनाटाउन एक अनूठे सांस्कृतिक मेले जैसा है, जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे। उत्तरी अमेरिका में यह सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा चाइनाटाउन है। इस एक दिन की यात्रा के दौरान सैन फ्रांसिस्को के चाइनाटाउन के खाने, इतिहास, खरीदारी वगैरह का मज़ा लें। ड्रेगन्स गेटयह एक ऐतिहासिक द्वार की मेहराब है, जहां से शहर के नज़दीकी चाइनाटाउन में प्रवेश किया जा सकता है। 1970 में इसे पड़ोस के दक्षिणी प्रवेश के माध्यम के रूप में बनाया गया था। यह अनूठा ड्रेगन्स गेट पूरी तरह से चीनी शैली में बनाया गया थाः पत्थरों से, लकड़ी से नहीं। यह और गोल्डन ड्रेगन स्ट्रीटलाइट, दोनों ही आगंतुकों को ऊपर ग्रांट एवेन्यू की दुकानों तक ले जाते हैं। ग्रेट ईस्टर्न रेस्तरांयहां आपको लगभग हर जगह शू-माई की ठेलागाड़ी चलती मिलेंगी, जिनसे आपकी सांसें और यहां की गलियां स्वादिष्ट व्यंज
यात्रा वृतांत- शैलेंद्र तिवारी नेपाल का नाम जेहन में आते ही एक गुदगुदी सी होती है, लगता है कि कुछ अपना सा है, कुछ जाना-पहचाना सा है। जब उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लगी सीमा पर सोनौली बॉर्डर पार करते हैं तो बिना पासपोर्ट और वीजा के विदेश जाने का भ्रम सा होता है, लेकिन सीमा पार करने के बाद भी अपना होने का अहसास बरकरार रहता है। एक ऐसा देश जिसे अगर झिलिमिलाते तारों का देश कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। सांझ होते ही पहाड़ों पर बने घरों के भीतर बिजली के बल्व जब जल उठते हैं तो सड़क से गुजरते समय ऐसा लगता है कि जैसे आसमान के तारे इन पहाड़ों के ऊपर और नीचे खुद उतर आए हैं, अपनी झिलमिल रोशनी से इस देश की रौनक को बढ़ा रहे हैं। जब इस यात्रा पर निकला तो उम्मीद नहीं की थी कि यह शहर इतना खूबसूरत होगा, लेकिन जैसे ही सोनौली बॉर्डर से आगे बढ़ा तो आंखें खुली की खुली रह गईं। महज कुछ किलोमीटर पार करते ही सामने पहाड़ों की पूरी एक शृंखला नजर आ रही थी। हल्की सी चढ़ाई के साथ शुरू हुआ पोखरा की ओर जाने वाली सड़क का सफर। एक ओर आसमान को छूने की जिद करते पहाड़ तो दूसरी ओर पाताल में समा जाने का एहसास दिलाती गहराई। ह
गर्मी के मौसम में लोग शहर छोड़कर पहाड़ों की तरह रुख करते हैं, अगर आप भी पहाड़ों पर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको पहाड़ों पर ड्राइविंग भी करनी होगी और इसके लिए आपको कुछ खास तैयारियां करनी होंगी क्योंकि समतल की अपेक्षा पहाड़ों पर ड्राइविंग ज्यादा मुश्किल होती है। आइए जानते हैं कि पहाड़ों पर ड्राइविंग करते वक्त आपको क्या सावधानियां बरतनी होंगी। 1. सबसे पहले कार की पूरी तरह जांच करवा लीजिए। इंजन व टायर पूरी तरह दुरुस्त होने चाहिए। इतना ही नहीं खासकर ब्रेक की जांच किसी विशेषज्ञ से करवाना सही होगा। अगर घिसे हुए टायर के साथ पहाड़ों की तरफ रुख किया तो संस्पेंशन की समस्या से घिर जाएंगे। २ कोशिश कीजिए कि जब पहाड़ी इलाके में यात्रा करें तो रात के वक्त ड्राइविंग न करें। दिन में ड्राइविंग करें जो सुरिक्षत और चिंता रहित होगा।3. कभी भी गियर को न्यूट्रल में न रखें। ईधन को बचाने के लिए इंजन को बंद रखें वरना इससे खतरा भी हो सकता है।4. शहरों की तरह ताबड़तोड़ गाड़ी न चलाएं। पहाड़ी रास्तों पर पीछे से आने वाली गाडि़यों को पास दें और संभल कर चलें।5. पहाड़ों में न दिखने वाले मोड़ आते हैं। ऐसा होने
AdmiN Jan 23, 2021
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